रोशनी

कुछ इस तरह जिंदगी में कोई भी रोशनी की उम्मीद यही बात सोच सोच कर हम हर बार एक नई सरकार का चुनाव करते है लेकिन हमें हर बार नाउम्मीदी नजर आती हैं फिर भी हमे हमारे लोकतंत्र पर विस्वास है कभी तो एक ऐसी सरकार बनेगी जो आम आदमी की बात सुनेगीं बस यही एक रोशनी

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