The Ultimate Deal On CAB AND NRC DIFFERENCE

Citizenship Amendment Act has created a nationwide uproar.  Those opposing it are calling it non-constitutional, while the government says that none of its provisions violates any part of the constitution.  At the same time, on the allegations of discrimination on the basis of religion through this law, the government says that it has nothing to do with an Indian citizen of any religion.



 However, in the midst of these complications, protests began to take place across the country and in many places it took a violent form.  Indeed, many protesters feel that this law will snatch away their Indian citizenship, while the government has made it clear several times that the law is for granting citizenship and not for taking away citizenship.  A large population is not well aware of the difference between CAA and NRC. The process of identifying intruders living illegally in India through NRC or National Citizen Register is to be completed.  Now this process took place only in Assam and the final list of NRC has been released there.  In Assam, this process has been completed under the supervision of the Supreme Court.  However, the government says that it will implement NRC across the country.  The government has also clarified that the NRC framework applicable in the country will be different from the NRC norms of Assam.

 What is CAA?
 Under this citizenship amendment law, Hindus, Sikhs, Christians, Parsis, Jains and Buddhists who have been tortured from Pakistan, Afghanistan, Bangladesh, and Buddhists will be given citizenship of India.

 Why are there demonstrations about CAA?
 There are two types of demonstrations about the Citizenship Amendment Act.  The first demonstration is taking place in the North East which is about the implementation of this Act that people from outside will come and settle in Assam, which threatens their culture.  At the same time, except North East, the rest of India is demonstrating that it is non-constitutional.  Rumors have spread among the protesters that this law could lead to their Indian citizenship being taken away.

 Which documents are valid under NRC?
 Keep in mind that the NRC list has been prepared only in Assam.  The provisions of the NRC that the government is talking of bringing all over the country are yet to be decided.  The government will still have to travel long distances to bring this NRC.  It will have to draft the NRC and get it passed by both houses of parliament.  Then the NRC Act will come into existence after the President's signature.  However, he was given a place in the NRC list of Assam who proved that he or his ancestors had settled in India before 24 March 1971.

 Will CAA make a difference to Muslims in India?
 The Ministry of Home Affairs has already made it clear that CAA has nothing to do with any citizen of any religion in India.  It has a provision to give citizenship of India to non-Muslim people who have taken refuge in India after being victim of religious persecution in Pakistan, Bangladesh or Afghanistan.  According to the law, the tortured religious minorities of these three countries who have come to India by 31 December 2014 will be given citizenship.

  






नागिरकता संशोधन कानून पर देशभर में बवाल मचा है। इसका विरोध करने वाले इसे गैर-संवैधानिक बता रहे हैं जबकि सरकार का कहना है कि इसका कोई भी प्रावधान संविधान के किसी भी हिस्से की अवहेलना नहीं करता है। वहीं, इस कानून के जरिए धर्म के आधार पर भेदभाव के आरोपों पर सरकार का कहना है कि इसका किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक से कोई लेना-देना नहीं है।

हालांकि, इन उलझनों के बीच देशभर में प्रदर्शन होने लगे और कई जगहों पर इसने हिंसक रूप भी अख्तियार कर लिया था। दरअसल, कई प्रदर्शनकारियों को लगता है कि इस कानून से उनकी भारतीय नागरिकता छिन जाएगी जबकि सरकार ने कई बार साफ किया है कि यह कानून नागरिकता देने के लिए है, न कि नागरिकता छीनने के लिए। एक बड़ी आबादी को CAA और NRC में अंतर के बारे में ठीक से नहीं पता है।एनआरसी या नैशनल सिटिजन रजिस्टर के जरिए भारत में अवैध तरीके से रह रहे घुसपैठियों की पहचान करने की प्रक्रिया पूरी होनी है। अभी यह प्रक्रिया सिर्फ असम में हुई और वहां एनआरसी की फाइनल सूची जारी हो चुकी है। असम में यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में पूरी हुई है। हालांकि, सरकार का कहना है कि वह पूरे देश में NRC लागू करेगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि देश में लागू होने वाली एनआरसी की रूपरेखा असम की एनआरसी के मापदंडों से अलग होगी।
  1. क्या है CAA?
    इस नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बुद्ध धर्मावलंबियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
  2. CAA को लेकर क्यों प्रदर्शन हो रहे हैं?
    नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं। पहला प्रदर्शन नॉर्थ ईस्ट में हो रहा है जो इस बात को लेकर है कि इस ऐक्ट को लागू करने से असम में बाहर के लोग आकर बसेंगे जिससे उनकी संस्कृति को खतरा है। वहीं नॉर्थ ईस्ट को छोड़ भारत के शेष हिस्से में इस बात को लेकर प्रदर्शन हो रहा है कि यह गैर-संवैधानिक है। प्रदर्शनकारियों के बीच अफवाह फैली है कि इस कानून से उनकी भारतीय नागरिकता छिन सकती है।
  3. NRC के तहत कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स वैलिड हैं?
    ध्यान रहे कि सिर्फ असम में एनआरसी लिस्ट तैयार हुई है। सरकार पूरे देश में जो एनआरसी लाने की बात कर रही है, उसके प्रावधान अभी तय नहीं हुए हैं। यह एनआरसी लाने में अभी सरकार को लंबी दूरी तय करनी पडे़गी। उसे एनआरसी का मसौदा तैयार कर संसद के दोनों सदनों से पारित करवाना होगा। फिर राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद एनआरसी ऐक्ट अस्तित्व में आएगा। हालांकि, असम की एनआरसी लिस्ट में उन्हें ही जगह दी गई जिन्होंने साबित कर दिया कि वो या उनके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले भारत आकर बस गए थे।
  4. क्या CAA का भारत के मुसलमानों पर फर्क पड़ेगा?
    गृह मंत्रालय यह पहले ही साफ कर चुका है कि CAA का भारत के किसी भी धर्म के किसी नागरिक से कोई लेना देनानहीं है। इसमें उन गैर मुस्लिम लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत में शरण ले रखी है। कानून के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ गए इन तीन देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाएगी।



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