Common Man Problem
The common man is facing two problems at this time, one is Corona and one employment. In this epidemic, crores of Indians have become unemployed. Those small businessmen had faith in their business, it has already got destroyed, they said that employment to those people, the government announced a relief package to the common man, it was also limited to newspapers, all these plans were limited to paper. The government's plans for education have remained only and only a fantasy. Those people say, take education, but those rural poor children who were given the same education in government schools, how can they get online education, nor does they have internet The money is not available nor is the money of the system, even today, in this Corona era, it has been proved that there is no right to education on the poor, it is all made for the rich and all this during the British rule. Priority was given but in this era only the rich are given priority but the present day government No one, I don't see the whole country clearly
But with today's government, BS talks on a few issues and those which have no existence.
Today, at this time, governments do not end the problem for their vote bank, but they do politics in it, no matter whether it is an article 370 or Ram temple or triple divorce, if you ask the government, what do you do? Fundamental duties but ask them what work done on education
They will not get any answer. All the crimes in the country are the main reason for illiteracy and this illiteracy is the reason for dirty politics and this dirty politics is the main reason. In the arrogance of casteism, we choose the illiterate as the leader and hope that the country will do well for the society. When the seeds are sown wrong then they will come by eating fruit, hope that you will be aware
आम आदमी को इस समय दो मुसीबतो का सामना करना पड़ रहा हे एक तो कोरोना और एक रोजगार इस महामारी में करोड़ो भारतीय बेरोजगार हो गए हे आम आदमी की तो कमर ही टूट गयी इसमें सबसे ज्यादा नुक्सान ग्रामीण वर्ग के लोगो को हुआ हे उनका रोजगार जो उन छोटे छोटे व्यापारियो के भरोसे था उनका धंधा पहले से ही चौपट हो गया हे वो उन लोगो को रोजगार कहा से दे सरकार ने आम आदमी को राहत पैकेज की घोषणा की वो भी सिर्फ अख़बारों तक ही सीमित रह गया ये सब योजनाये पेपर तक ही सीमित होकर रह गयी शिक्षा के लिए सरकार की योजनाए सिर्फ और सिर्फ एक कल्पना मात्र हे वो लोग कहते शिक्षा लो लेकिन वो ग्रामीण गरीब बच्चे जिनको सरकारी स्कूल में वैसे नाम मात्र की शिक्षा मिलती थी वो ऑनलाइन शिक्षा कैसे प्राप्त कर सकता हे उसके पास न ही इंटरनेट के पैसे उपलप्ब्ध हे ना ही सिस्टम के पैसे हे आज भी इस कोरोना काल में ये बात सिद्ध हो गयी की गरीब ा शिक्षा पर कोई भी अधिकार नहीं हे ये सब तो अमीरो के लिए बनी हे और यही सब अंग्रजो के शासन काल में सिर्फ टैलेंट को वरीयता दी जाती थी लेकिन इस युग में सिर्फ अमीरो को ही प्राथमिकता दी जाती हे लेकिन आज की सरकार की कोई भी निति मुझे क्या पुरे देश को स्पष्ट्र दिखाई नहीं दे रही हे
लेकिन आज की सरकार के पास बीएस कुछ ही मुद्दे पर बात करते हे और वो भी जिनका कोई अस्तत्वि ही नहीं हे
आज इस समय सरकारे अपने वोट बैंक के लिए समस्या को खत्म नहीं करती हे बल्कि उसमे राजनीती करती चाहे कोई भी मुदा हो धारा 370 हो या फिर राम मंदिर या फिर ट्रिपल तलाक़ अगर सरकार से पूछो आपने क्या किया ये सब बोलने लगते हे क्यों ये उनका मौलिक कर्तव्ये था लेकिन उनसे पूछो शिक्षा पर क्या काम किया
उनके पास कोई भी जवाब नहीं मिलेगा देश में जितने भी जुर्म होते हे उसका मुख्ये कारण अशिक्षा और इस अशिक्षा कारण हे गन्दी राजनीति और इस गन्दी राजनीती का मुख्ये कारण हे जातिवाद की भावना ये कही न कही ये जातिवाद ही इन सब समस्या का कारण हे और हम लोग जातिवाद के घमंड में चूर अशिक्षित को नेता चुन लेते हे और उम्मीद हे की देश समाज का भला करेगा नहीं जब बीज गलत बोया हे तो फल खा से आएंगे उम्द्दिद हे की आप लोग जागरूक होंगे
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